Mohammed Rafi — Aap Ke Haseen Rukh Pe

Текст песни с аккордами

    	    	Вступление

[Music: O.P. Nayyar]

G               Bm     D
आप के हसीन रुख़ पे आज नया नूर है
Bm G       D     G
मेरा दिल मचल गया तो मेरा क्या कसूर है
G               Bm    Dm
आप के निगाह ने कहा तो कुछ ज़रूर है
Bm G       D     G
मेरा दिल मचल गया तो मेरा क्या कसूर है


[Verse 1]
G               D        G
खुली लटों की छाँव में खिला खिला ये रूप है
Bm       G  D
घटा से जैसे छन रही, सुबह सुबह की
G
धूप है..
G                              
जिधर नज़र मुड़ी [×3]
Bm
उधर सुरूर ही
D
सुरूर हैं
Bm G       D     G
मेरा दिल मचल गया तो मेरा क्या कसूर है
G               Bm     D
आप के हसीन रुख़ पे आज नया नूर है
Bm G       D     G
मेरा दिल मचल गया तो मेरा क्या कसूर है


[Verse 2]
G                  D
झुकी झुकी निगाह में भी हैं बला की
G
शोखियाँ
Bm          G D
दबी दबी हसी में भी तड़प रही हैं
G
बिजलियाँ..
G       D
शबाब आप का [x3]
Bm         D
नशे में खुद ही चूर  है
Bm G       D     G
मेरा दिल मचल गया तो मेरा क्या कसूर है
G               Bm     D
आप के हसीन रुख़ पे आज नया नूर है
Bm G            D         G
मेरा दिल मचल गया तो मेरा क्या कसूर है


[Verse 3]
G              D      G
जहाँ जहाँ पड़े कदम वहाँ फ़िज़ा बदल गई
Bm          G   D       G
के जैसे सरबसर बहार आप ही में ढल गई
G
किसी में ये कशिश [×3]
    Bm      D
कहाँ जो आप में हुजूर है
Bm G       D     G
मेरा दिल मचल गया तो मेरा क्या कसूर है
G               Bm     D
आप के हसीन रुख़ पे आज नया नूर है
Bm G       D     G
मेरा दिल मचल गया तो मेरा क्या कसूर है		
    

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